“‘Rule of Law’ है, लेकिन ‘Chewing Law’ नहीं है – Supreme Court का लॉजिक लेजेंडरी है!” 😵⚖️

📣 जब RTI भी हार मान जाए – एक Tobacco Free न्यायालय की महागाथा!

🔥 बड़ी अदालत, बड़ी बातें, और तंबाकू मुक्त ‘गप्पें’! 🔥
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नमस्कार साथियों 👋,

मैं Aditya Pandey—जनहित RTI का सुपारीकांड विशेषज्ञ—आपको एक और “प्रेरक पराजय” सुनाने आया हूं।

कुछ माह पहले Allahabad High Court में RTI डालकर पूछा था कि—

  • क्या परिसर में तंबाकू निषेध का पालन हो रहा है?
  • क्या किसी वकील, क्लर्क, या बाबू पर कार्रवाई हुई जो सुपारी ठोकते पकड़े गए?

उस RTI का निष्कर्ष था — "सूचना उपलब्ध नहीं है", "रिकॉर्ड में नहीं है", "कोई विशेष निर्देश मौजूद नहीं।"
तब सोचा, क्यों ना बड़े भाई Supreme Court से ही पूछ लिया जाए!

और वही शुरू होती है इस गाथा की नई किस्त...🧐👇


🧾 Supreme Court RTI: सवाल वो ही, टोन थोड़ा सख्त

RTI डाली और पूछा:

  • क्या Supreme Court परिसर भी तंबाकू मुक्त जोन है—केवल बोर्डों तक या ज़मीनी सच्चाई तक?
  • कितने चालान, कितनी कार्रवाई, पिछले 5 वर्षों में?
  • अगर कोई बार में सुपारी फांकते पकड़ा गया, तो उसकी रिपोर्ट कौन फाइल करेगा?

सवाल पूछे 10, और जवाब मिले सिर्फ 4—बाक़ी पर वही बासी, "सूचना उपलब्ध नहीं है" का MST (Most Standard Template)। 🙄


📬 उत्तर क्या आया?

  • 👉 “Supreme Court is a Tobacco Free Zone.”
    [जैसे कोई कह दे—"यहाँ तो सब संत हैं!"]
  • 👉 “पिछले 5 वर्षों में कोई जुर्माना नहीं हुआ।”
    [ना सुपारी, ना गुटखा—ऐसा संयम तो हिमालय के योगियों में भी नहीं!] 😇
  • 👉 “संपर्क अधिकारियों की सूची दी गई, बाकी DMF (Do More Filing)।”
    [रिकॉर्ड की महक ऊपर है, नीचे केवल सूखा टाइपड राइस!] 🍚]

📌 RTI निष्कर्ष:

"Naach na jaane aangan tedha."
जब विभाग के पास जवाब नहीं होता, तब पूछने वाले को ही “extra curious” कहा जाता है।

Allahabad High Court हो या Supreme Court—तंबाकू निषेध के नाम पर बोर्ड ज़रूर मिलते हैं, लेकिन कार्रवाई अदृश्य

RTI से चाहे सूचना मिले या ना मिले, सच्चाई फिर भी दिख जाती है—
“कानून की मूर्ति तंबाकू से अछूती, लेकिन परिसर की हवा में खुशबू ज़रूर फैली है!”


😅 शिक्षा (Moral of the Story):

RTI डालिए, लेकिन साथ में कान का क्लिकर, दिल का डायलर और बहुत सारा patience भी रखिए।

जवाब की गारंटी भले ना हो—but “सम्मानजनक टालमटोल” पक्का मिलेगा।

और अंत में, cic SAHAB बोले—"सब कुछ रेकॉर्ड से दे दिया गया है जी। Appeal disposed off!"


"अधिकार मांगो, मिल जाए तो ठीक…
ना मिले तो पोस्ट बना दो!" 🚩

Jai RTI 🙏
Jai Satya
(अगर कहीं रिकॉर्ड में हो तो...) 🙃

– Aditya Pandey
Public Info Seeker | RTI Yodha | Tobacco Free Bharat Aspirant 🚭

#RTI #Governance #SupremeCourt #HighCourt #TobaccoFreeIndia #JudicialTransparency #SarcasmWithPurpose #RTIWarrior


🛎 अगर आपको Legal Satire पसंद आया तो हमारी पिछली RTI भी देखें – “Mosquito Control in Rashtrapati Bhavan”, जो सीधे CIC तक पहुंचा दी थी! 🦟😎

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